बॉलीवुड की ही तरह भोजपुरी सिनेमा भी हर रोज एक नई ऊंचाई को छू रहा है…पहले की तूलना में अब पर्दे पर दिखाई जाने वाली फिल्मों में कहानी पात्र और थीम के चयन की प्रक्रिया में काफी बदलाव आया है…लेकिन क्या आपको पता है कि भोजपुरी सिनेमा ने महज कुछ ही सालों में इतना विकास कैसे कर लिया…कुछ ही साल पहले की बात है जब भोजपुरी और भोजपुरी सिनेमा को लोग नहीं के बराबर भाव देते और समझते थे…लेकिन भोजपुरी सिनेमा का गौरवशाली इतिहास जब भी लिखा जाएगा…उसमें इस बात का जिक्र जरूर होगा कि एक दौर वो भी आया था जब मनोज तिवारी मृदुल ने भोजपुरी जगत को फिर से जन्म दिया…जी हां वो मनोज तिवारी मृदुल ही थे जिनके आने से वेंटिलेटर पर जा चुकी भोजपुरी सिनेमा में मानो किसी ने नई जान फूंक दी…इसके पीछे का कारण एक तो खुद मनोज तिवारी की मेहनत और उनका लगन था दूसरी बात ये कि मनोज फिल्मों में आने से पहले भी अपना नाम गायकी के माध्यम से बना चुके थे…अब चुकी मनोज तिवारी पहले से ही लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे…उनकी आवाज का जादू देखने और सुनने के लिए लोग उनके शो में मारामारी तर पर उतारू हो जाते थे…इसलिए यहां से एक नये ट्रेंड की शुरूआत हुई और गायकों को फिल्मों में अपना भविष्य दिखने लगा…
कुणाल सिंह, रवि किशन आदि बड़े कलाकार भोजपुरी में जरूर थे लेकिन उस वक्त भोजपुरी सिनेमा के विघटन को वो भी रोक नहीं पा रहे थे…मनोज तिवारी को फिल्मकारों ने इसलिए भी मौका दि.या क्.कि उन्हें इस बात का पूरा भरोसा था कि ये लंबी रेस का घोड़ा है इसलिए दूर तक दौड़ेगा…हुआ भी ठीक ऐसा ही मनोज तिवारी की पहली भोजपुरी फिल्म ससुरा बड़ा पइसावाला ने भोजपुरी फिल्म की दुनिया में इतिहास रच दिया और फिर भोजपुरी सिनेमा में शुरूआत हुई मनोज .युग की….
मनोज तिवारी का जन्म 1973 में बिहार के एक छोटे से गाँव अटरवालिया में हुआ था | ये एक भारतीय सिंगर, एक्टर, म्यूजिक डायरेक्टर और टेलीविजन प्रेसेंटर के साथ साथ एक सफल राजनेता भी हो चले हैं….आपको बता दें कि फिलहाल मनोज तिवारी दिल्ली के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हैं तो वहीं सांसद भी है…. मनोज तिवारी ने अपनी पहली फिल्म ‘ससुरा बड़ा पैसावाला’ से भोजपुरी फिल्म को पुरे देश में एक नई पहचान दिलाई | इसके अलावा इनमें सबसे बड़ी बात जो है वो ये है की ये कहीं भी जाते है तो भोजपुरी रंग में ही लोगो को मनोरंजन करते है और लोग इन्हें उतना ही प्यार भी करते है | फिल्मों में अभिनय करने से पहले मनोज तिवारी ने करीब 10 सालो तक गायकी मैं अपना एक अलग मुकाम बनाया और साल 2003 में उन्होंने सुपरहिट फिल्म “ससुरा बड़ा पैसे वाला” में अभिनय किया जिसने उस समय रिकॉर्ड तोड़ बिजनेस किया. बीबीसी के मुताबिक इस फिल्म के प्रोडक्शन कॉस्ट करीम 65000 डॉलर थी जबकि इसमें करीब 3 मिलियन डॉलर का मुनाफा कमाया. मनोज तिवारी के मुताबिक क्योंकि भोजपुरी फिल्में कम बजट में बनती है इसलिए अधिक मुनाफा कमाने के लिए भोजपुरी फिल्मों में जमकर द्वीअर्थी संवाद प्रयोग किए जाते हैं. लेकिन मनोज तिवारी की इस फिल्म ने सभी रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए क्योंकि यह पूरी तरह से एक परिवारिक फिल्म थी, जिसमें परिवारिक दायित्वों का पूरी तरह से ख्याल रखा गया.
फिल्मों में कार्य करने से पूर्व मनोज तिवारी ने तकरीबन दस साल भोजपुरी गायक के रूप में कार्य किया। सन २००३ में उन्होने फिल्म ‘ससुरा बड़ा पैसा वाला’में अभिनय किया जो मनोरंजन और आर्थिक दृष्टि से बहुत सफल फिल्म साबित हुयी और माना जाने लगा की भोजपुरी फिल्मों का नया मोड़ शुरू हो चुका है। इसके बाद उन्होने दो और फिल्मों ‘दारोगा बाबू आई लव यू’ और ‘बंधन टूटे ना’नामक फिल्मों में अभिनय किया। मनोज तिवारी ने एक टेलीविज़न कार्यक्रम ‘चक दे बच्चे’ में बतौर मेज़बान कार्य किया। सन 2010 में मनोज तिवारी ने प्रतिभागी के तौर पर रियलिटी शो ‘बीग बॉस’ में हिस्सा लिया। मनोज तिवारी और श्वेता तिवारी ‘कब अइबू अंगनवा हमार’ और ‘ए भौजी के सिस्टर’ नामक फिल्मों में साथ-साथ कार्य कर चुके हैं। सन 2011 के मध्य में मनोज और उनकी पत्नी रानी में अलगाव हो गया। मनोज तिवारी ने नयी धुनें,गाने और अल्बम बनाना जारी रखा। उन्होने अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ के लिए एक लोकप्रिय गीत ‘जिय हो बिहार के लाला’ भी गाया। मनोज तिवारी बाबा रामदेव द्वारा रामलीला मैदान पर शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन और अन्ना आंदोलन में सक्रिय रहे। 2009 में मनोज तिवारी ने समाजवादी पार्टी की ओर से राजनीति में अपना भविष्य आज़माया था किन्तु असफल रहे थे। फिलहाल तिवारी बीजेपी की तरफ से राजनीति में सक्रिय हैं।और उतर-पूर्वी दिल्ली से संसद सदस्य हैं।
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