Amazing Facts Entertainment Movies

Bhojpuri films history | The empire of Bhojpuri films is not only the country but also abroad I Biharplus News

bhojpuri film industry revenue and reach

Bhojpuri Films History | भोजपुरी फिल्मों का साम्राज्य सिर्फ देश नहीं विदेशों तक है

हे गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो….ये नाम आपको शायद नया न लगे क्योंकि भोजपुरी भाषा से जुड़े लोग या फिर इसकी समझ रखने वालों के चेहरे पर इस नाम को सुनते ही देह पर भोजपुरिया माटी का रंग चढ़ जाता है…जी हां गंगा मइया तोहे पियरी चढ़इबो उस फिल्म का नाम है जिसने भोजपुरी सिनेमा का नींव रखा…हालांकि 1960 के दशक में, भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने बॉलीवुड अभिनेता नाजीर हुसैन से मुलाकात की और उन्होंने भोजपुरी में एक फिल्म बनाने के लिए कहा, जिसकी वजह से 1963 में पहली भोजपुरी फिल्म रिलीज हुई। भोजपुरी सिनेमा का इतिहास अच्छी तरह से प्राप्त फिल्म गंगा मैया तोहे पीयरी चढ़ाईबो के साथ शुरू होता है, जिसे निर्नाल पिक्चर्स के बैनर के तहत बिसननाथ प्रसाद शाहाबादी द्वारा निर्मित किया गया था और कुंदन कुमार द्वारा निर्देशित किया गया था।

ये वो दौर था जब भोजपुरी ने अपना पांव पसारना शुरू कर दिया था…धीरे धीरे वक्त गुजरता गया और उसी वक्त के साथ भोजपुरी सिनेमा का साम्राज्य भी बढ़ता चला गया…आज वो दौर है जब भोजपुरी सिनेमा बॉलीवुड से कदम से कदम मिलाकर चल रही है….हालांकि बजट के मामले में अभी बोजपुरी हिंदी फिल्मों से काफी पीछे है लेकिन संसाधन जुटाने की होड़ आज के जमाने में सभी को है और वहीं भोजपुरी सिनेमा के साथ भी हुआ…आज वक्त ऐसा है कि भोजपुरी सिनेमा के गाने 90 के दशक के हिंदी गानों की याद दिलाते हैं…हालांकि भोजपुरी सिनेमा में अश्लीलता को लेकर अब लड़ाई शुरू हो चुकी है …और इसका असर भी साफ देखने को मिल रहा है…लेकिन कई गाने ऐसे भी हैं जो कानों को काफी सुख पहुंचाते हैं…

1980 के दशक में, पर्याप्त रूप से एक उद्योग बनाने के लिए पर्याप्त भोजपुरी फिल्मों का उत्पादन किया गया। माई (“माँ”, 1989, राजकुमार शर्मा द्वारा निर्देशित) और हमार भाजी (“मेरी भाई की पत्नी”, 1983, कल्पतरू द्वारा निर्देशित) के रूप में फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर कम से कम छिटपुट सफलता हासिल की। नाडिया के पार गोविंद मनीस द्वारा निर्देशित 1 9 82 हिंदी-भोजपुरी ब्लॉकबस्टर और सचिन, साधना सिंह, इंदर ठाकुर, मिताली, सविता बजाज, शीला डेविड, लीला मिश्रा और सोनी राठोड हैं। हालांकि, इस प्रवृत्ति ने दशक के अंत तक मोटा होना 1 99 0 तक, नए उद्योग पूरी तरह से समाप्त हो गए थे।
भोजपुरी फ़िल्म उद्योग में वृद्धि के एक मापदंड में, कई फिल्मों ने बिहार और उत्तर प्रदेशों में समय पर मुख्यधारा बॉलीवुड की हिट की तुलना में बेहतर कारोबार किया। बेहद तंग बजट पर बनी फिल्में, उनकी उत्पादन लागत में 10 गुना ज्यादा कमाई देने लगी थी। सासुरा बाडा पैसा वाला ने भोजपुरी सिनेमा के व्यापक दर्शकों के लिए एक नये युग की शुरुआत की। भोजपुरी सिनेमा की दृश्यता में फिल्मों की बेहद तीव्र सफलता ने नाटकीय वृद्धि को जन्म दिया है

भोजपुरी के साम्राज्य की तुलना इसी बात से की जा सकती है कि इसकी मुख्यधारा में बॉलीवुड सिनेमा के कई प्रमुख सितारे भी शामिल हैं, जिनमें अमिताभ बच्चन भी एक हैं, उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में काम किया है। मिथुन चक्रवर्ती के भोजपुरी की पहली फिल्म भोले शंकर, जो 2008 में रिलीज़ हुई, को सभी समय का सबसे बड़ा भोजपुरी हिट माना जाता है। आज के दौर में भोजपुरी सिनेमा ने अपना पांव इस कदर पसारा है कि गुजरात से लेकर झारखंड मध्य प्रदेश और यूपी के साथ साथ देश के कई राज्यों में इसे बोलने वालों की तादाद काफी ज्यादा है…इसका एक कारण ये भी है कि रोजगार न होने से बिहार से पलायन कर चुके लोगों ने कहीं और जाकर अपना आशियाना बनाया और वहीं जिंदगी बिताने लगे…ये बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि भोजपुरी के सारमाज्य का अभिन्न अंग देश का एक बेहद प्रमुख राज्य गुजरात भी है…आज भोजपुरी फिल्मों में काम करने वाले कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने गुजरात से भोजपुरी तक का सफर तय किया…उसमें एक कलाकारा काजल राघवानी भी हैं जो गुजरात से आती हैं…इसके साथ ही भोजपुरी के मशहूर डायरेक्टर राजकुमार आर पांडेय और उनके बेटे चिंटू पांडेय भी गुजरात से ही आते हैं…भोजपुरी का साम्राजय आज के दौर में इतना व्यापक और वृहद रूप ले चुका है कि अब तो इसके डंके बिहार झारखंड यूपी और गुजरत ही नहीं बल्कि देश और विदेशों में भी बजते हैं…आज विश्व पटल पर खुद को स्थापित कर चुका एक देश मॉरिसस भी है जहां 70 प्रतिशत आबादी भोजपुरी भाषियों की है….भोजपुरी भाषा की महिमा कई लोगों ने समझा और जाना है…इस जगत ने देश और राज्य को कई ऐसे सितारे दिये जो आज देश और विदेशों में अपना डंका बजा रहे हैं…यही कारण है कि आज भी रवि किशन मनोज तिवारी पवन सिंह सरीखे तमाम भोजपुरी माटी से जुड़े कलाकार तीज त्योहारों पर अपनी मातृभूमि का आशीष लेना नहीं भूलते…