बिहार की राजधानी पटना !! कहने को तो हर साल बिहार से लाखों की संख्या में छात्र और वयस्क बसे शहरों की तरफ पलायन करते हैं. क्योंकि बिहार में बेहतरीन शिक्षण संस्थानों की कमी है , रोज़गार की कमी है. लेकिन फ़िलहाल अगर बिहार की राजधानी पटना में कोई व्यवसाय ट्रेंडिंग है तो वो है “घर घर हॉस्टल!” आज हम बात करेंगे पटना के गर्ल्स हॉस्टल की :
हॉस्टल लाइफ :
यूं तो हॉस्टल लाइफ को टीवी सीरियल्स और फिल्मों में अक्सरहां मजबूरी के तौर पर दिखाया जाता है. मगर असल जिंदगी में हॉस्टल लाइफ इससे बिल्कुल उलट होती है. आमतौर पर ज्यादातर लड़कियां दसवीं की पढ़ाई के बाद, आगे की पढ़ाई के लिए पटना आती हैं. और इसके बाद शुरू होती है #HostelLife
आज कुछ साल पहले तक #Patna में #Hostel की संख्या कम थी. लेकिन हर साल पटना आने वाली छात्राओं की संख्या में इजाफे के साथ साथ पटना में #GirlsHostel की संख्या में भी भारी इज़ाफ़ा हुआ है. गांधी मैदान, बोरिंग रोड चौराहा, कंकड़बाग, भीकना पहाड़ी …सब जगहें हॉस्टल से खचाखच भर चुकी हैं! हॉस्टल संचालक आज के समय में पटना में एक सफल बिजनेसमैन बन सकता है. बस ज़रूरत है, कुछ बिंदुओं को नज़र में रखकर बिजनेस शुरू करने की.
घर से दूर होने पर अगर सबसे ज्यादा कोई कुछ मिस करता है तो वो है घर का खाना! तो अगर आपको हॉस्टल है चलाना तो सबसे पहले अच्छा रखिए खाना. इसके उचित नियम कानून, रहने के लिए पर्याप्त बड़े और आरामदायक कमरे और आवश्यक सुविधाओं के साथ कोई भी एक अच्छा और सफल हॉस्टल संचालक बन सकता है. आमतौर पर सभी हॉस्टल के चार्ज पांच हज़ार से छह हज़ार के बीच में होते हैं*. (*2018)
आज अगर आप पटना की गलियों में दो चक्कर लगाएंगे तो आपको पता चलेगा कि हर घर में हॉस्टल चल रहें हैं. #Housewife के लिए तो इससे बेहतर #Business और कुछ हो ही नहीं सकता. क्योंकि इससे आय भी बेहतर आती है और साथ ही आपके आस पास कई लोग आपका मन लगाने के लिए रहने लगते हैं.
यूं तो #Hostel #Warden की बुराई जमकर होती है, लेकिन अगर आप अपना व्यवहार और छात्राओं के पसंद, नापसंद और परेशानियों का ख्याल रखेंगे तो आपको इस परेशानी से निजात मिल सकता है!
Images Source : Via Internet (Google)
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