आजादी के बाद भारत ने हर क्षेत्र में विकास किया है….हर रोज बदलते भारत की नई तस्वीर के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हुए रियल लाइफ के अलावा रील लाइफ के साथ साथ तकनीक ने भी खूब तरक्की कर ली…आज के दौर में बॉलीवुड से लेकर भोजपुरी या फिर पंजाबी या फिर देश के अन्य प्रांत की बात करें तो हमें इस बात के कई उदाहरण मिलेंगे कि भारत देश में एक अमूल्य संपदा ऐसी है जो कभी छिनी नहीं जा सकती और वो है प्रतिभा…ये वो शब्द है जिसका साक्ष्य देश की हर गली मुहल्ले और चौक चौराहों पर भी देखने को मिल जाता है…
अब भोजपुरी सिनेमा को ही ले लीजिए …वक्त के साथ भोजपुरी भाषा का विकास हुआ और उसी तर्ज पर भोजपुरी सिनेमा भी मुख्यधारा में जुड़ता चला गया…जैसे बॉलीवुड में कुछ कलाकारों ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है वैसे ही भोजपुरी सिनेमा को एक नया आयाम देने वाले कलाकारों में रवि किशन का नाम सबसे उपर आता है…भोजपुरी सिनेमा से पहचान बनाने वाले रवि किशन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं…. रवि किशन हैं तो यूपी के जौनपुर के लेकिन उन्हें उनके अस्तित्व की पहचान बिहार की माटी और भाषा से मिली….ठीक उसी प्रकार रवि किशन जैसे कलाकार के आने से भोजपुरी जगत खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा था…क्योंकि ये वो दौर था जब भोजपुरी जगत को अपना मिथुन चक्रवर्ती मिल गया था….
कहा जाता है कि कुंदन आग में तपाने के बाद ही सोना बन पाता है ठीक वैसे ही रवि किशन आज जिस मुकाम पर हैं उसे हासिल करने में उन्हें भी कम पापड़ नहीं बेलने पड़े…गांव के रंगमंच और बाबूजी की लताड़ ने ऐसा काम कर दिया कि छोटे से गांव का रवि किशन शुक्ल का नाम बॉलीवुड से लेकर साउथ और भोजपुरी में आज एक मिसाल बन गया है…रवि किशन का जन्म 17 जुलाई 1971 को उत्तर-प्रदेश के जौनपुर में हुआ था। वह एक बेहद ही गरीब ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता गांव में पुजारी थे। अभिनेता रवि किशन की शादी प्रीति से हुई है। उनके तीन बेटियां और एक बेटा है। रवि किशन शुक्ला एक भारतीय अभिनेता हैं। जोकि हिंदी भोजपुरी और साउथ की फिल्मों में सक्रिय हैं। 2019 के लोकसभा चुनावों से उन्होंने राजनति में कदम रखा है और वह गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं।
रवि किशन उन कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने अपने ख्वाब को हमेशा ऊंचाई पर रखा…शुरूआती दौर में भगवान शंकर के इस भक्त ने मुंबई की गलियों और सड़कों पर खूब खाक छाने…लेकिन ख्वाब बड़ा था इसलिए शायद उन्हें ये बात पता थी कि बिना पापड़ बेले मंजिल नहीं मिलने वाली…हालांकि शुरूआती दौर में रवि किशन ने हिंदी सिनेमा को ही अपना लक्ष्य रखा लेकिन सफलता हाथ नहीं लगने के बाद उन्होंने भोजपुरी का रूख किया…कहते हैं किसी चीज को शिद्दत से चाहो तो एक न एक दिन वो तुन्हें मिलता जरूर है…रवि किशन के साथ भी वही हुआ…जो पहचान उन्हें हिंदी सिनेमा न दे सकी वो पहचान उन्होंने भोजपुरी सिनेमा ने दे दिया और रवि किशन का नाम ऐसा छाया कि इस प्लैटफॉर्म की ही बदौलत ये कलाकार बॉलीवुड के लोगों की नजरों में आने लगा…रवि किशन ने शाहरूख और सलमान खान समेत बॉलीवुड के लगभग सभी बड़े कलाकारों के साथ काम किया है..आज रवि किशन गोरखपुर से बीजेपी सांसद हैं औऱ हाल में हुए लोकसभा चुनाव में उन्होंने खुलकर राजनीति में अपना दम दिखाया और अब एक सम्मानित ओहदे पर देश और राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं…
भोजपुरी हिंदी और साउथ की फिल्मों के साथ साथ रवि किशन ने टीवी में भी काम किया है…इतना ही नहीं 2006 में वो बिग ब़स का हिस्सा भी रह चुके हैं…रवि किशन आज भी फिल्मों में उतने ही सक्रिय हैं जितना कि वो शुरूआती दौर में हुआ करते थे…हर रोज .योगा से दिन की शुरूआत करने वाले रवि किशन भगवान शंकर के उपासक हैं…इसका प्रमाण आपको उनके हर एक या दो लाइन के बाद मिल जाएगा जब वो महादेव कहकर संबोधित करते हैं…
रवि किशन का भोजपुरी सिनेमा में अतुलनीय योगदान रहा है…ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर रवि किशन को भोजपुरी से पहचान मिली तो भोजपुरी को भी रवि किशन ने एक नया आयाम दिया…काफी पीछे चल रही भोजपुरी सिने जगत को इस युग में लाने वाले कोई और नहीं बल्कि रवि किशन ही हैं…रवि किशन की पहली हिंदी फिल्म पितांबर थी जिसमें उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के साथ काम किया…इसके साथ ही इन्होंने हमारा फैसला, वेलकम टू सज्जनपुर, काल निर्णय फिर हेराफेरी और लक के साथ साथ तेरे नाम जैसी फिल्मों में काम किया है…आज के दौर में रवि किशन फिल्मों के तीनों प्रारूपों में एक नामी गिरामी कलाकार के तौर पर गिने जाते हैं..
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