लालू यादव हिंदुस्तान की राजनीति के अलबेले नेता हैं. चार दशक की सियासत में शून्य से आसमान तक नापने वाले लालू यादव, जिनका अंदाज सबसे अलग है और बातें सबसे जुदा, नाम हुआ या बदनाम हुए लेकिन उनके अंदाज पर कोई फर्क नहीं पड़ा…लालू यादव पर कई गाने लिखे गए और फिल्में भी बनी लेकिन बड़ा ही मशहूर गाना है…..काहे करे ल तू हल्ला, काहे करे ल तू हल्ला..बेकार होई..कुछ ना चलहीं तोहर लालू सरकार होई…जी हां ये गाना लालू के 17 साल के राज को चरितार्थ करता है…जिस 17 साल में उन्होंने शून्य से शिखर तक सफर तय किया…लेकिन ये सफर इतना आसान नहीं था, इस सफर में लालू यादव को कई बार जेल जाना पड़ा । आज भले ही लालू यादव अपनी तबीयत से परेशान हैं…लेकिन एक समय ऐसा था की संघर्ष के दौर में लालू यादव किसी भी परेशानी से नहीं घबराते थे । लालू यादव शायद आजाद भारत के पहले ऐसे राजनेता हैं, जो कई बार जेल जा चुके हैं, जिसके बाद भी वे राजनीति के केंद्र में बने रहते हैं. आइए जानते हैं लालू यादव कब-कब जेल यात्रा कर चुके हैं.
1. आपातकाल: 26 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक देश में आपातकाल का दौर था. उस वक्त छात्र राजनीति में रहते हुए लालू प्रसाद यादव पहली बार जेल गए थे. जेल से लौटने के बाद साल 1977 में लालू यादव ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और विजय हुए थे.
2. सीएम पद से इस्तीफा देकर जेल गए थे लालू: लालू प्रसाद 10 मार्च 1990 को पहली बार और 1995 में दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने लालू यादव का नाम 1996 में मुख्य रूप से सामने आया. लालू यादव को साल 1997 में पहली बार न्यायिक हिरासत में रखा गया और 12 दिसंबर 1997 को रिहा किए गए. लालू यादव 1997 में 137 दिन न्यायिक हिरासत में रहे थे.
3. बेऊर जेल में काटनी पड़ी रातें: चारा घोटाला मामले में ही लालू यादव 28 अक्टूबर 1998 को जेल यात्रा करनी पड़ी. इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख को बेऊर जेल में रखा गया था.
4. जेल में बिताई एक रात: चारा घोटाला मामले में ही लालू प्रसाद यादव को एक बार फिर 28 नवंबर 2000 को गिरफ्तार किया गया. हालांकि अगले दिन ही लालू यादव को जमानत मिल गई थी. इस दौरान उनकी पत्नी राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री थीं
5. चारा घोटाला में मिली सजा: साल 2013 में चारा घोटाला के एक मामले में लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद वह रांची की बिरसा मुंडा जेल भेजे गए थे. इस दौरान उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी. जेल से बाहर आने के बाद लालू यादव ने नीतीश कुमार के साथ गठबंधन किया और प्रचंड बहुमत के साथ बिहार की सत्ता में वापसी की थी.
6. 23 दिसंबर 2017: चारा घोटाला के एक और मामले में लालू प्रसाद यादव दोषी ठहराए गए, जिसके बाद से आरजेडी प्रमुख रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. 6 जनवरी 2018 को साढ़े तीन साल की सजा सुनाए जाने के बाद लालू यादव के वकील ने कहा था कि वे जमानत के लिए हाईकोर्ट जाएंगे
लेकिन आज का समय बदल चुका है और आज के समय में लालू के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ़ देखी जाती रही हैं. उम्र का तकाज़ा भी उनके सामने है. तारीख़ दर तारीख़ कोर्ट में हाज़िरी लगाने के दौरान वे ख़ुद को संभालने की कोशिशें करते रहे हैं.लालू की चिंता और भी हैं क्योंकि उनके परिवार के सदस्यों के ख़िलाफ़ बेनामी संपत्ति के मामलों में भी कार्रवाई तेज़ है.वैसे भी बिहार में नीतीश कुमार का बीजेपी से मिलकर सरकार बनाने के बाद आरजेडी इस आघात को सियासी फायदे वाला बनाने के लिए नई किस्म की चुनौती का सामना कर रहा है.
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